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छारेड़ा युवा कृषकों ने मित्रवाड़ी व गीजगढ़ की समन्वित खेती व पॉलीहाऊस का दौरा किया

आज दौसा जिलेकी नांगल राजावतान पंचायत समिति की छारेड़ा ग्राम पंचायत के युवा कृषकों ने आईआईटी खड़गपुर के विप्र गोयल के साथ बाँदीकुई पंचायत समिति की ग्राम पंचायत मित्रवाड़ी के प्रगतिशील कृषक रामजीलाल जी शर्मा एवं सिकराय पंचायत समिति की ग्राम पंचायत गीजगढ़ के शिवचरण सेंकडा से उन्हीं के खेतों पर मुकाकातें कीं।


ये दौनो कृषक प्रति 4 बीघा कृषि जमीन से 8 लाख रूपये से भी ज्यादा कमा रहे हैं। ये प्रतिदिन कमाई करते हैं| मित्रवाड़ी के रामजीलाल के पास 10 बीघा जमीन है। ये अपनी जमीन में समन्वित खेती फार्मूले पर खेती करते हैं। खाद्यान फसलों के साथ-साथ भीलपत्र, आम, आंवला और मौसमी के पेड़ों का भी बगीचा लगा रखा है। अपने 16 दुधारू पशुओं के लिए एजोला चारे की भी उगाई कर रखी है। सौलर पम्प सहित एक फार्मपोंड भी बनवा रखा है। इस जल बल साधान से रामजीलाल साल भर पानी की आवश्यकता की आपूर्ति कर लेते हैं। रामजीलाल जी को इससे साल भर में अपनी 16 लाख रूपये तक की आमदनी हो जाती है।





रामजीलाल ने अपने यहां 4 घन मीटर का एक निजी बायोगैस प्लांट लगा रखा है। इससे बनी बायोगैस का उपयोग घर में पशुओं के लिए सांदी पकाने और घर में कुकिंग गैस के रूप में प्रयोग में लाते हैं। बायोगैस प्लांट की सेलरी से वर्मी कम्पोज्ड अर्थात प्राकृतिक खाद का निर्माण कर लेते हैं।जैविक खाद की भी व्यवस्था कर राखी है। अपनी खेती में जितना उपयोग होता है, उसके बाद अतिरिक्त खाद को 300 रूपये प्रति 50 किलो कट्टा बेच कर कमाई भी कर लेते हैं। अपने यहाँ अमूल दूध केंद्र के मार्फ़त दूध कलैक्शन का कार्य भी कर रखा है। इससे भी इन्हें अतिरिक्त आय होती है। हर साल नए पशुओं के जन्म से भी इनकी आय का सतत साधन बना हुआ है।

रामजीलाल जी ने अपनी समन्वित खेती, फ़ार्म पोंड, सौलर पम्प, डेयरी, बायगैस प्लांट, बाग़-बगीचा, इत्यादि सबके लिए सरकारी विभाग के नाबार्ड संस्था से अनुदान प्राप्त किये हैं। और इसके अतिरिक्त भी आवश्यक धन की पूर्ती स्थानीय भूमि विकास बैंक से लोन लकर की है।





रामजीलाल का नाम प्रगतिशील श्रेष्ट कृषक व कृषि विशेषज्ञ के रूप में आता है। राज्य स्तर पर जैविक खेती में 1 लाख रूपये का पुरुष्कार, ब्लॉक स्तर पर अन्तोदय योजना में पुरुष्कार,और जिला स्तर पर श्रेष्ठ पशु पालक का पुरूस्कार भी मिलें हैं।

आज रामजीलाल जी यह प्रमाण देने में सफल हुए हैं कि हमारी जमीन में धन-दौलत समृद्धि का खजाना छिपा हुआ है। एक ज्ञानी व परिश्रमी किसान ही उस खजाने को पा सकता है ।

मित्रवाड़ी के साथ-साथ अकी गीजगढ़ के शिवचरण सैंकड़ा कृषक से भी मुलाक़ात की।

शिवचरण सेंकडा ने 1980 में फिजिक्स से एमएससी कर सरकारी नौकरी भी ज्वाईन की। लेकिन अपने गाँव के किसानों का खेती से पलायन करने की स्थिति ने इन्हे नौकरी से इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया और 1990 से ये खेती के कार्य के साथ अपने आस-पास व दूर दराज के किसानों को खेती के लिए मोटिवेटेड करते हैं। शिवचरण कहते हैं कि एक समुचित ज्ञान व उचित प्रबंधन से वही जमीन हमें किसी भी नौकरी से अधिक ज्यादा समृद्ध, सुखी और स्वस्थ रख सकती है। जब हम वहां पहुँचे तो खेती उत्पादन के ट्रक लद कर दिल्ली जाने को तैयार थे।





शिवचरण सेंकडा जी कहते हैं कि किसान शिक्षित-प्रशिक्षित हो कर उचित प्रबंधन व वैज्ञानिक रूप से अपनी जमीन का ठीक-ठीक प्रयोग कर लेवे तो 4 बीघा जमीन से भी 20 लाख रूपये तक कमा सकता है।

ज्ञात रहे, विप्र गोयल आईआईटी खड़गपुर व दौसा जिले के कृषि विकास अधिकारी अशोक कुमार मीणा जी ने कुछ दिन पहले इन दौनों क्षेत्रों का दौरा किया था। और दौसा जिले के स्थानीय शासन-प्रशासन व जनता के साथ मिल कर छारेड़ा ग्राम पंचायत को एक मॉडल आत्मनिर्भर ग्राम की तरह विकसित करने के कार्यों में जुटे हुए है।। कृषि अधिकारी अशोक मीणा का कहना है कि प्रत्येक किसान को ज्ञानान्वित कर उसे सरकार की स्कीम्स के लाभ की व्यवस्था में आईआईटी खड़गपुर के विप्र गोयल का कार्य बहुत ही सराहनीय है।




 
 
 

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