डॉ. नीलम गोयल
वर्ष 1991-92 तक चायना व इंडिया की जीडीपी एक ही ट्रेक पर थीं। लेकिन आज चायना की वार्षिक जीडीपी 7.7 लाख अरब रूपये है और इंडिया की 1.20 अरब रूपये। चायना की प्रतिव्यक्ति सालाना औसत बिजली उपभोग क्षमता 5500 यूनिट है, इंडिया की 865 यूनिट। भारत की जनसंख्या बढ़ कर 1 अरब 33 करोड़ हो चुकी है और चायना की जनसंख्या 1 अरब 50 करोड़ से घट कर 1 अरब 37 करोड़ पर आ गयी है। चायना पिछले 17 वर्षों में भारत से 7 गुना आगे बढ़ गया, कैसे ?
भारत के पास भी सरदार सरोवर नर्मदा नहर योजना, यमुना-राजस्थान-साबरमंती लिंक योजना, राजस्थान पूर्वी नहर नदी योजना, भारत की नदियों के अन्तर्सम्बन्ध की योजना, परमाणु, सौलर व अन्य से प्रतिव्यक्ति 5000 यूनिट उत्पादन की जैसी योजनाएं आजादी के बाद से ही है। यदि ये सब समयान्तर्गत सफलतापूर्वक क्रियान्वित होती रही होती तो आज भारत की जीडीपी 15 से 21 लाख अरब सालाना होती, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो पाया, क्यूँ ?
बहुपार्टी व प्रजातांत्रिक विकासील भारत के समक्ष राष्ट्रीय स्तर पर तीन प्रकार की चुनौतियाँ रही हैं। पहली, भारत की चिंतनीय कृषि व सम्बंधित निराश ग्रामीण परिवार; दूसरी चुनौती, मॉस स्तर पर रोजगारों की दिन ब दिन बढ़ती मांग व अवरूद्ध वास्तविक सतत विकास; तीसरी चुनौति, मॉस स्तर पर जनता में जागरूकता !
सरदार सरोवर नर्मदा नहर योजना। इसमें मुख्य नदी लम्बाई 458 किलोमीटर है। इसके सहारे आजु-बाजू में नहरे बनेंगी जिनकी कुल लम्बाई 19000 किलोमीटर है। जब यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा तब तक 85000 किलोमीटर लम्बी नहरें निल जाएंगी।
इस नर्मदा नहर योजना में नर्मदा सोलर पावर प्रोजेक्ट भी रखा गया है। इसमें अभी एक पायलेट प्रोजेक्ट 1 मेगावाट का मेहसाणा जिले के कड़ी कसबे में चंद्रासन गाँव में उदघाटन हुआ है। यह पावर प्लांट सनएडिसन इंडिया नाम की कंपनी बना रही है। इसकी लागत 17.71 करोड़ रूपये है। यह 0.75 किलोमीटर लम्बी नहर पर बन रहा है। इससे सालाना 34 हजार घन टर पानी को हर साल भाप बनने से बचाया जा सकेगा (मतलन 34 करोड़ लीटर पानी)
इस योजना में 2200 मेगावाट के पावर प्लांट लगने हैं। जिससे 1000 लाख घन मीटर पानी को भाप बनाने से भी बचाया जा सकेगा। कुल मिला कर यह कृषि में सिंचाई हेतु पानी व बिजली की आपूर्ति हेतु ही है। इस योजना से राजस्थान के बाड़मेर व जालौर जिलों को भी सिंचाई हेतु पानी मिलेगा।
यदि सरदार सरोवर नर्मदा नहर परियोजना एवं सरदार सरोवर सौलर पावर योजना, मीठीवर्दी 6600 मेगावाट अणु विद्द्युत जैसी अन्य और भी परियोजनाओं को समयान्तर्गत क्रियान्वित होने दिया जाता रहेगा तो इससे ग्रामीण प्रति परिवार आय 7 से 15 लाख रूपये तक पहुँच सकेगी।
नई-नई एग्रो इंडस्ट्रीज व सर्विसेज बढ़ने से गुजरात राज्य की प्रति व्यक्ति औसत आय 17 लाख रूपये तक पहुँच सकेगी।
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