अहमदाबाद श्रीजी विद्यालय में डा. नीलम गोयल (भारत की परमाणु सहेली) द्वारा देश के सर्वागीण विकास हेतु चार महत्वपूर्ण योजनाएं तथा परमाणु ऊर्जा व सौर ऊर्जा की महत्ता विषय पर एक सेमीनार का आयोजन किया गया। जिसमें उन्होने कहा कि भारत के चहुँमुखी विकास के तीन आधारभूत स्तम्भ हैं-
1. कृषि,
2. उद्द्योग-धंधे व
3. सेवायें।
तीनों स्तम्भों की नींव है- ऊर्जा (मुख्यतया, विद्युत ऊर्जा)
भारत की चार महत्वाकांक्षी योजनाएं-
1. भारत की सभी नदियों का अन्तर्सम्बन्ध।
2. भारत में गाँवों को गाँवो से, गाँवों को कस्बों से, कस्बों को कस्बों से, कस्बों को शहरों से व शहरों को राजधानियों से जोड़ते हुए राज मार्गों की स्थिर व विश्वसनीय व्यवस्था।
3. भारत की समग्र,विद्ध्युत उत्पादन क्षमता (सालाना, औसतन 5000 यूनिट प्रति-व्यक्ति,1.5 अरब लोगों में)।
4. भारत में स्वदेशी केन्द्रीयकृत कृषि प्रबंधन
डॉ. नीलम गोयल ने बताया कि 20-25 वर्ष पूर्व वाली ये महत्वपूर्ण योजनाएं हमारे देश में समयान्तर्गत क्रियान्वित हो चुक रही होती तो आज भारत की प्रति व्यक्ति औसत आय सालाना 15 लाख रूपये से काम न होती। भारत का प्रत्येक गाँव किसी स्वीट्जरलैंड से कम न होता। लेकिन प्रजातंत्र भारत में इन योजनाओं के क्रियान्वयन के मार्ग में पांच प्रकार की चुनौतियां आती रही है।
· पहली, अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध
· दूसरी, अंतर्राज्यीय सम्बन्ध.
· तीसरी, मुआवजा राशि,
· चौथी, बजट समस्याए
· पांचवी, क्षेत्रीय जन-प्रतिनिधि, क्षेत्रीय पार्टी कार्यकर्ता, एंटी एक्टीविस्ट बिजनिस लाबीज, तथाकथित समाजसेवी व् खैरख्वाह, इत्यादि।
परमाणु सहेली ने बताया कि इन चुनौतियां की जड़ है- आम से लेकर खास जनता में भारत की चार महत्वपूर्ण योजनाओं के प्रति वास्तविक ज्ञान की कमी। जागरूकता की कमी।
भारत देश की इन विशाल एवं महत्वपूर्ण योजनाओं के समयान्तर्गत क्रियान्वयन के मार्ग में भ्रांतीयों एवं पूर्वाग्रहों रूपी भारन्त्यासुर राक्षस की वजह से जो अड़चने आ रही हैं, उसी भ्रान्त्यासुर का उन्हें मरदादान करना है।
सेमीनार में स्कूली छात्र छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया । कार्यक्रम में उपस्थित प्रिंसिपल एवं अध्यापकगण ने कार्यक्रम को काफी ज्ञानवर्धक एवं जरुरी बताया और डा. नीलम गोयल का आभार व्यक्त किया।
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