आज दिनांक 22.07.19 को मोरबी के अजन्ता ओरपेट के सभी लगभग 2000 कर्मचारीयों व अधिकारियों के साथ डॉ. नीलम गोयल (भारत की परमाणु सहेली) के द्वारा देश में बिजली की उपयोगिता, इसके विभिन्न स्रोत एवं उनकी सीमितता के बारे में बताया साथ ही गुजरात, मोरबी में परमाणु बिजलीघर की उपयोगिता के बारे में बताया। परमाणु ऊर्जा के प्रति व्याप्त गलतफैमियों को दूर किया। परमाणु ईधन के क्षेत्र में भारत पूरे विश्व में पहले स्थान पर है। इससे बनने वाली बिजली की कीमत उपभोक्ता तक लगभग 2 रूपये यूनिट आती है और पूरी तरह से हरित बिजली है। अजन्ता ओरपेट के संस्थापक श्री प्रवीण भाई भालोडिया ने सुझाव दिया कि जहाँ पर भी परमाणु बिजलीघर लगे उस क्षेत्र में बिजली की कीमत दर में रियायत होनी चाहिए, ताकि क्षेत्रीय जनता में परमाणु बिजलीघरों के प्रति सकारात्मक वातावरण कायम हो सके। अजन्ता के सभी कर्मचारी व अधिकारियों ने कार्यक्रम को बहुत ध्यान से सुना और परमाणु सहेली के द्वारा चलाये जा रहे इस अभियान में सभी ने शपथ भी ली और इस मिशन के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रस्तुत की।
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