top of page

शहर के गांधी स्मारक भवन से रिवरफ्रंट तक एक भव्य और विशाल रैली

दिनांक 25 फरवरी 2016 । डॉ. नीलम गोयल (भारत की परमाणु सहेली) ने शहर के गांधी स्मारक भवन से रिवरफ्रंट तक एक भव्य और विशाल रैली का आयोजन किया। इस रैली का उदघाटन श्री भूपेंद्र भाई पटेल, चैयरमेन अहमदाबाद अर्बन डवलपमेंट ऑथरिटी ने किया। साथ ही, रैली में श्री दिनेश सोलंकी, केंद्र निदेशक आकाशवाणी; श्रीमती डॉ. निर्मला भागवानी एमएलए नरोडा; पी आई श्री यू बी पटेल, श्रीमती पुष्पा बिंदल, अध्यक्ष गुजरात महिला मंडल, डोली, सुमित्रा जी; श्रीमान हंसमुख सोनी, अध्यक्ष- गुजरात आयुर्वेदिक हस्पताल असोसिएशन, नगर के अन्य प्रतिष्ठित, प्रबुद्ध नागरिक तथा कालेज व स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।


डॉ. नीलम गोयल ने बताया कि,  भारत की जनता के सन्दर्भ में एक बहुत ही ख़ास बात है कि यह हमेशा से ही जिज्ञासु रही है। इस जिज्ञासु जनता में समग्र रूप से करने योग्य कार्य के ज्ञान की अनुभूति हो जाए, तो फिर भारत के सर्वांगीण विकास की महत्वपूर्ण योजनाओं के मार्ग में आम जनता का पूर्ण व समर्पित रूप से नैतिक समर्थन प्राप्त हो सकेगा।

डॉ. नीलम गोयल ने बताया कि, वर्तमान में भारत देश के सामने दो रास्ते हैं


पहला: वर्तमान का परम्परावादी विचारधारा का रास्ता। जिसमें, कभी खत्म न होने वाले मुद्दे और फसादें; जैसे, मंदिर मस्जिद, हिन्दू-मुस्लिम, काला धन भ्रष्टाचार बेरोजगारी आरक्षण महंगाई, देशी विदेशी, यह सही वह गलत, किसान आत्महत्या, बाढ़ सूखा मुआवजा, पूंजीवाद, फांसीवाद, सामंतवाद,  इत्यादि हैं। फेसबुक पर, यू-ट्यूब पर, गूगिल पर, ऑरकुट पर, वाट्सप पर, तथा और भी अन्य सोसियल वेबसाईट्स पर यही मुद्दे-फसादे रात-दिन लिखे जा रहे हैं पढ़े जा रहे हैं। और फिर इन्ही मुद्दों और फसादों के दम पर सत्ता व शासक परिवर्तन भी है।


इस रास्ते पर आज आम आदमी से लेकर, युवा वर्ग, स्टूडेंट्स, शिक्षक, प्रशिक्षक, वैज्ञानिक, इंजीनियर, शासक, प्रशासक, नेता, राजनेता, अधिकारी, कर्मचारी, विभिन्न सामाजिक समूहों के खैख्वाह भी चल रहे हैं।

इस रास्ते में भारत के गाँव देहातों में बसने वाली 87 करोड़ जनता कभी भी समृद्ध व खुशहाल हो कर उभर नहीं सकती है। इस परम्परावादी रास्ते पर चलते रहने से वर्ष 2035 तक भी भारत की प्रति व्यक्ति औसत आय, सालाना, २ लाख रूपये से अधिक नहीं हो पाएगी।


दूसरा रास्ता है : भारत की चार महत्वपूर्ण योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन का रास्ता।

अर्थात, एक यथार्थ सोच के साथ सतत व विश्वसनीय उत्पादन पर आधारित विकास का रास्ता ।

इस रास्ते में भारत देश के पास चार ऐसी महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं जो भारत के जर्रे-जर्रे में गुणात्मक रूप से चहुँमुखी विकास को जनम देंगी।


भारत की चार महत्वपूर्ण योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन ही भारत की समग्र जनता को एक सतत, विश्वसनीय व गुणात्मक सर्वांगीण विकास की दिशा में अग्रसर करेगा।


भारत की समूची जनता दूसरे रास्ते पर आगे बढ़ेगी तो, वर्ष 2035 तक भारत की ग्रामीण जनता की सालाना, प्रतिव्यक्ति औसत आय 12 लाख रूपये तक और समूचे भारत की यह आय 15 लाख रूपये तक पहुँच सकेगी। भारत का प्रत्येक गाँव किसी स्विट्ज़रलैंड से कम समृद्ध न होगा।


एक समय था जब पूरे भारत में करने योग्य कार्य के ज्ञान का लोप हो गया था। सभी राजा-महाराजा अपने-अपने भोग विलासों और परम्पराओं के अधीन हो गए थे। जन-कल्याण की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा था। तब, श्रीकृष्ण ने ऐसी नकारात्मक परिस्थिति से निर्दोष जनता को उभारने हेतु एक संकल्प लिया था। यह संकल्प था, समूचे भारत में धर्म की स्थापना का। धर्म, माने करने योग्य कार्य का ज्ञान। आज फिर से समूचे भारत में करने योग्य कार्य के ज्ञान की स्थापना होनी ही है। जागरूक जनता स्वयं अपना भविष्य सुनहरे अक्षरों में लिखने में समर्थ होती है।

डॉ. नीलम गोयल ने बताया कि, मेरे इस जीवन का ध्येय उद्देश्य यही है कि मैं भारत की समूची जनता को इस दूसरे रास्ते पर ले आऊँ। और भारत में सर्वांगीण विकास की इन चार विशिष्ठ योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करादूँ।

Comments


Thanks for submitting!

APEAF

C-199/A, 80 feet road

Mahesh Nagar

Jaipur, Rajasthan

302015

    

bkps_shadow_email_edited.png

© 2023 APEAF

© 2023 APEAF, Inc. All Rights Reserved.

Conditions of Use | Privacy Policy

bottom of page